الجمعة، 22 فبراير 2019

अकेले आशूरा के दिन का रोज़ा रखने का हुक्म - हिन्दी - मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद

अकेले आशूरा के दिन का रोज़ा रखने का हुक्म - हिन्दी - मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद: क्या यह जायज़ है कि मैं केवल आशूरा के दिन का रोज़ा रखूँ, उस से पहले एक दिन या उसके बाद एक दिन का रोज़ा न रखूँ ?

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