الجمعة، 1 مارس 2019

आशूरा का उत्सव मनाने या उसमें मातम करने का हुक्म - हिन्दी - मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद

आशूरा का उत्सव मनाने या उसमें मातम करने का हुक्म - हिन्दी - मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद: आशूरा के दिन लोगों के सुर्मा लगाने, स्नान करने, मेंहदी लगाने, हाथ मिलाने, अनाज पकाने, हर्ष व उल्लास का प्रदर्शन करने इत्यादि का क्या हुक्म है ... क्या इस बारे में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से कोई सहीह हदीस आयी है ? या नहीं ? और यदि इन में से किसी चीज़ के बारे में कोई सहीह हदीस नहीं वर्णित है तो क्या इसका करना बिद्अत है या नहीं ? तथा दूसरा समूह जो कुछ मातम और शोक करता, प्यासा रहता, और इनके अलावा, रोना, चींखना, गरीबान फाड़ना आदि करता है, क्या उसका कोई आधार है ? या नहीं है ?

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