الجمعة، 7 أبريل 2023

हदीस: फ़ज्रें दो हैं: जहाँ तक उस फ़ज्र की बात है, जो भेड़िए की दुम की तरह प्रकट होती है, तो न उसमें (फ़ज्र की) नमाज़ पढ़ना हलाल है और न उससे सहरी करना हराम होता है, रही बात उस फ़ज्र की, जो क्षितिज में फैल जाती है, तो उसमें फ़ज्र की नमाज़ पढ़ना हलाल है और उससे सहरी करना हराम हो जाता है - अनूदित हदीस-ए-नबवी विश्वकोश

हदीस: फ़ज्रें दो हैं: जहाँ तक उस फ़ज्र की बात है, जो भेड़िए की दुम की तरह प्रकट होती है, तो न उसमें (फ़ज्र की) नमाज़ पढ़ना हलाल है और न उससे सहरी करना हराम होता है, रही बात उस फ़ज्र की, जो क्षितिज में फैल जाती है, तो उसमें फ़ज्र की नमाज़ पढ़ना हलाल है और उससे सहरी करना हराम हो जाता है - अनूदित हदीस-ए-नबवी विश्वकोश
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