الأحد، 25 يونيو 2023

हज्ज के मुनासकि (रस्में) - हिन्दी - शैख़ हैस़म बबन महु म्मद जमील िरह़ान

हज्ज के मुनासकि (रस्में) - हिन्दी - शैख़ हैस़म बबन महु म्मद जमील िरह़ान: ह़ज्ज के मनासिक (रस्में): अरबी भाषा में एक सचित्र पृष्ठ, जिसे शैख़ डॉक्टर हैस़म सरहान द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें उन्होंने हाजियों (तीर्थयात्रियों) की जरूरत की हर चीज को क्रमवार ढ़ंग से सुंदर, संक्षिप्त, सांकेतिक एवं सचित्र तरीके से वर्णन किया है, ताकि ह़ाजी इस महान दायित्व का निर्वहन उसी ढ़ंग पर करे जिस ढ़ंग पर मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने किया था, जिनका कथन है किः मुझ से अपने ह़ज्ज के मनासिक अर्थात रस्में सीख लो। (अनुवादः साबिर हुसैन)।

ليست هناك تعليقات:

إرسال تعليق