जिस व्यक्ति पर रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा बाक़ी है उसके लिए आशूरा का रोज़ा रखना - हिन्दी - मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद: मेरे ऊपर रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा अनिवार्य है और मैं आशूरा (दसवें मुहर्रम) का रोज़ा रखना चाहता हूँ। क्या मेरे लिए क़ज़ा करने से पहले आशूरा का रोज़ा रखना जाइज़ है ? तथा क्या मेरे लिए रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा की नीयत से आशूरा (यानी दसवें मुहर्रम) और ग्यारहवें मुहर्रम का रोज़ा रखना जाइज़ है ? और क्या मुझे आशूरा के रोज़े की फज़ीलत प्राप्त होगी ?
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