الأحد، 31 يوليو 2022

हदीस: आदमी के हर जोड़ पर, हर रोज़ जिसमें सूरज निकलता है, सदक़ा है। तुम दो व्यक्तियों के बीच न्याय करो तो सदक़ा है, किसी को उसके जानवर पर सवार होने में मदद करो या उसपर उसका सामान लाद दो तो सदक़ा है, अच्छी बात सदक़ा है। - अनूदित हदीस-ए-नबवी विश्वकोश

हदीस: आदमी के हर जोड़ पर, हर रोज़ जिसमें सूरज निकलता है, सदक़ा है। तुम दो व्यक्तियों के बीच न्याय करो तो सदक़ा है, किसी को उसके जानवर पर सवार होने में मदद करो या उसपर उसका सामान लाद दो तो सदक़ा है, अच्छी बात सदक़ा है। - अनूदित हदीस-ए-नबवी विश्वकोश
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